गुस्सा आना, चिड़चिड़ापन भी हो सकता है
डरावना सपना देखना कोई बीमारी नहीं है, लेकिन जब यह बार-बार हो, दिनभर काम करने की क्षमता कम करे, दिमाग में उसकी यादें बनी रहें या व्यक्ति सोने से ही डरने लगे, तब इसे नाइटमेयर डिसऑर्डर माना जाता है. ऐसे लोगों में अक्सर थकान, चिड़चिड़ापन, ध्यान की कमी, याददाश्त में कमी और बुरे सपनों का लगातार डर देखने को मिलता है. बच्चों में यह समस्या होने पर माता-पिता की नींद भी प्रभावित होती है.
खास बात ये भी है कि बड़े भी इस तरह का सपना देखते हैं.
रात में बार-बार बुरे सपने क्यों आते हैं? जानें कारण और समाधान
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पूरी रात सपने क्यों आते हैं और कब आते हैं?
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जीवन में समस्याओं को हल करने में मदद मिलती है
लेकिन यदि आप एक परेशान करने वाले विचार के साथ बिस्तर पर जाते हैं, तो आपको लगेगा की डरावने सपने क्यों आते हैं लेकिन इसके विपरीत आप किसी समाधान के साथ जाग सकते हैं या कम से कम स्थिति के बारे में बेहतर महसूस कर सकते हैं। इसलिए हमे पूरी रात सपने क्यों आते हैं, ये उसका एक सुखद परिणाम भी है।
अगर नहीं तो बता दें, स्वप्न शास्त्र के अनुसार हर सपने का अपना अलग मतलब होता है.
हेल्दी स्लीप एनवायरनमेंट क्रिएट करें: अपने कमरे में अंधेरा, शांत और ठंडा या गर्म (मौसम के अनुकूल) वतावरण बनाएं, इससे एक बेहतर गुणवत्ता वाली नींद प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
किसी काम या बात को लेकर जरूरत से ज्यादा सोचना और चिंता करने से get more info भी बुरे सपने आते हैं, जिसकी वजह से अक्सर रातों को घबराहट होती है और नींद खुल जाती है.
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नींद न आने से भी ऐसा होता है. अगर अनिद्रा की समस्या है तो ऐसा होगा.